भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) ने 27 नवंबर की सुबह देश की सुरक्षा के लिए इतिहास रचा है. इसरो ने सुबह 9.28 बजे मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. अब भारतीय सेनाएं पाकिस्तान की नापाक हरकत और उनकी आतंकी गतिविधियों पर बाज जैसी नजर रख पाएंगी. जरूरत पड़ने पर इस सैटेलाइट की मदद से सर्जिकल या एयर स्ट्राइक भी कर पाएंगी.
लॉन्चपैड-2 से छोड़ा गया कार्टोसैट-3 को
इसरो ने कार्टोसैट-3 सैटेलाइट को 27 नवंबर को सुबह 9.28 बजे श्रीहरिकोटा द्वीप पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC SHAR) के लॉन्चपैड-2 से लॉन्च किया. कार्टोसैट-3 सैटेलाइट पीएसएलवी-सी47 (PSLV-C47) रॉकेट से छोड़ा गया. कार्टोसैट-3 पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा.
पीएसएलवी की 74वीं उड़ान होगी
6 स्ट्रैपऑन्स के साथ यह पीएसएलवी की 21वीं उड़ान थी. जबकि, पीएसएलवी रॉकेट की यह 74वीं उड़ान थी. कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के 13 अन्य नैनो सैटेलाइट भी छोड़े जाएंगे. ये सैटेलाइट्स कॉमर्शियल उपयोग के लिए हैं.
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